गठिया मुख्यतः जोड़ो को प्रभावित करता है, गठिया से पीड़ित मनुष्य के जोड़ो में असहनीय दर्द, सूजन की समस्या होती है। जोड़ों का मतलब शरीर के उस हिस्से से है जहां दो हड्डियां जुड़ती हैं और यह शरीर के अंगों को हिलाने में मदद करता है। अधिकांश जोड़ों में गठिया के कारण दर्द होता है। गठिया का एक कारण जीन है जो पूर्वजों से आते हैं। यह 50 साल से ऊपर के व्यक्तियों में शारीरिक विकलांगता का मुख्य कारण है। गठिया अलग-अलग जोड़ों जैसे अंगुलियों, घुटनों, कोहनी, कूल्हों और जबड़ों को प्रभावित कर सकता है।
आर्थराइटिस का दर्द इतना तीव्र होता है कि व्यक्ति को चलने-फिरने में ही नहीं, बल्कि घुटनों को मोड़ने में भी काफी कठिनाई होती है। घुटनों में दर्द के साथ-साथ दर्द की जगह पर सूजन और लालिमा भी आ जाती है। गठिया से राहत पाने के लिए घरेलू उपचार सबसे अच्छे हैं। हम आपको कुछ असरदार घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं।
गठिया |
गठिया को ठीक करने के घरेलू उपचार:
१. चेरी: चेरी में मैग्नीशियम प्रचुर मात्र में पाया जाता हैं, जो प्राकृतिक दर्द निवारक हैं। साथ ही, इसमें पोटेशियम की भरपूर मात्रा होती है जो सूजन को कम करता है। दर्द से राहत के लिए रोजाना 6 से 8 चेरी खाएं। ताजा, जमे हुए या डिब्बाबंद चेरी का उपयोग किया जा सकता है। यह गठिया से राहत के लिए एक अच्छा उपाय है।
२. सेब का सिरका: सेब का सिरका में खनिज भरपूर मात्रा में होता है, उदाहरण के लिए, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम और कैल्शियम। यह जोड़ों के दर्द को शांत करने में सहायक है। साथ ही, यह जोड़ों और संयोजी ऊतकों में विषाक्त पदार्थों के विकास को बाहर निकालने में मदद करता है।
४. मालिश: कपूर और सरसों के तेल के मिश्रण से प्रभावित जगह पर मालिश करने से रक्त संचार बढ़ता है। यह जोड़ों में सूजन और अकडन को कम करने में भी प्रभावी है। इस उपचार का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए, निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें।
विधि: सरसों के तेल में कपूर डालें और इसे तब तक गर्म करें जब तक कपूर घुल न जाए। इस गुनगुने तेल से प्रभावित क्षेत्र पर मालिश करें ।
५. सेंधा नमक: । सेंधा नमक में मैग्नीशियम होता है जो शरीर से पीएच स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जब शरीर में अम्लीय स्तर बढ़ जाता है तो इससे गठिया या अन्य बीमारी हो सकती है।
५. सेंधा नमक: । सेंधा नमक में मैग्नीशियम होता है जो शरीर से पीएच स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जब शरीर में अम्लीय स्तर बढ़ जाता है तो इससे गठिया या अन्य बीमारी हो सकती है।
- एक मध्यम आकार के बर्तन में पानी गर्म करें, फिर उस पानी में एक सूती कपड़ा डुबोएं और इसे निचोड़ें। प्रभावित क्षेत्र को लगभग 10 से 15 मिनट, रोजाना 2 से 3 बार सिकाई करे। यह दर्द को राहत देने और सूजन को कम करने में मदद करेगा।
- मध्यम आकार के कटोरे में गर्म पानी लें। इसमें दो टेबलस्पून नमक मिलाएं, फिर प्रभावित अंग को मिनट के लिए भिगो दें। आप अपने दर्द और सूजन में राहत महसूस करेंगे। अगर दर्द घुटनों में हो रहा हो तो आप बड़े से तब में गुनगुना पानी डाल कर उसमे दो कप सेंधा नमक डाले फिर १०-१५ मं के लिए उसमे बैठ जाए. इस विधि को Epsom salt bath भी कहा जाता है।
६.लहसुन: लहसुन में एनाल्जेसिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन और जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद है और एंटीऑक्सिडेंट प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करता है।
अपने भोजन में लहसुन की दो कली रोजाना किसी भी रूप में लें यह काम करेगा और गठिया से राहत दिलाने में मदद करेगा ।
७.मेथी के बीज: मेथी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो जोड़ों की सूजन को कम करके गठिया के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता हैं। मेथी में आयरन , कैल्शियम और फास्फोरस प्रचुर मात्र में पाया जाता है। इसलिए, मेथी का सेवन हड्डियों और जोड़ों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है और उन्हें स्वस्थ और मजबूत रखता है।
आधा गिलास पानी में 1 चम्मच मेथी के दानो को पूरी रात भिगोएँ। सुबह पानी से मेथी के दानो को अलग करके खा ले और फिर पानी को पी ले, ध्यान रखे यह प्रक्रिया खाली पेट रोजाना सुबह दो से तीन महीनो तक करनी है।
आप मेथी के बीज का पाउडर भी बना सकते हैं, हर सुबह आधा गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच पाउडर मिलाएं, इसे रोज सुबह खाली पेट पिएं। इसे तीन महीने के आसपास नियमित रूप से करें८. हरा चना या हरी मूंग: हरे चने या हरे मूंग की दाल कई पोषक तत्व जैसे विटामिन ए, बी, सी और ई, आयरन , कैल्शियम और पोटेशियम तत्व होते है जो जोड़ो के दर्द और सुजन को कम करने में काफी मददगार साबित होते है। यह शारीर के अतिरिक्त वजन को कम करने में भी काफी मदद करता है।
एक मुट्ठी हरा चना लें और रात भर के लिए पानी में भिगो दें। सुबह इसे पानी से अलग कर लें, आप इसमें दो लहसुन की कली, एक चुटकी काली मिर्च और स्वादानुसार नमक मिला सकते हैं। इसका सेवन रोजाना सुबह कम से कम 3 महीने तक करें। यह गठिया को ठीक करने में काफी मदद करेगा।
९. काला तिल : काले तिल में असंतृप्त वसा, मैग्नीशियम, तांबा और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होते हैं जो की सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
आप अपने व्यंजनों में तिल के बीज का पाउडर छिड़क सकते हैं। या 1 चम्मच काले तिल के बीज को रात भर एक कप पानी में भिगो दें, और इसका सेवन रोजाना सुबह करे।
१०.एलोवेरा: एलोवेरा में विटामिन ए, बी (बी 1, बी 2, बी 3, और बी 6), सी और ई जैसे 12 पोषक तत्व होते हैं। एलोवेरा जेल शरीर में विषाक्त पदार्थों को अवशोषित करने में और सूजन को दर करने में के एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करता है। एलोवेरा के नियमित उपयोग से दर्द और अकडन को कम किया जा सकता है।
आप रोजाना 2-3 बार ताजा एलोवेरा जेल से जोड़ों की मालिश कर सकते हैं। याद रखें कि इसे कुछ मिनट तक धीरे-धीरे मालिश करें।इसके अलावा, आप अपने प्रत्येक भोजन से आधे घंटे पहले ताजा एलोवेरा जूस का सेवन कर सकते हैं। आप इसे रोजाना तीन बार ले सकते हैं। सबसे पहले, कम मात्रा के साथ शुरू करें और धीरे धीरे बढ़ाते रहे। आप एलोवेरा कैप्सूल भी ले सकते हैं।
गठिया में निम्नलिखित पदार्थो को अपने भोजन में शामिल करे-
१. गठिया में संतुलित, आसानी से पचने वाला भोजन जैसे चोकर युक्त आटा, छिलके वाली मूंग की दाल का सेवन करें।
२. गेहूं, जई, मक्का, जौ, कनारी बीज, आदि का सेवन करना चाहिए।
३. गठिया में बथुआ, मेथी, ककड़ी, लौकी, हल्दी, गोभी, परवल, गाजर, अजमोद, आलू, शकरकंद, अदरक, करेला, लहसुन का सेवन करें।
४. गठिया में सेम और अन्य फलियां (सेम), चेरी, मशरूम, जई, संतरे, हरी पत्तेदार सब्जियां, मेथी, सोंठ, नाशपाती, गेहूं के बीज, सूरजमुखी के बीज, कद्दू, अंडा, (सोया दूध), सोया शामिल हैं। बडी, पपीता, ब्रोकोली, अनानास, अनार, आड़ू, अंगूर, आम, एलोवेरा, आंवला, सेब, केला, तरबूज, लहसुन, बेर, ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी
५. गठिया में अधिक पानी वाले फलों का सेवन करना चाहिए जैसे कि खरबूजा, तरबूज, ककड़ी और पपीता।
६. गठिया में बादाम, अखरोट, काजू, मूंगफली आदि खाएं।
७. तेल में- जैतून का तेल, अलसी का तेल, मछली का तेल और बोरेज सीड ऑयल।
८. चाय में ग्रीन टी और तुलसी की चाय ।
गठिया में निम्नलिखित पदार्थो का सेवन नहीं करना चाहिए-
१. गठिया में घी-तेल, चीनी, चिप्स, रेड मीट, अचार, चटनी, पापड़, मिर्च-मसालेदार भोजन में बासी, गरिष्ठ, तला हुआ भोजन न करें।
२. केक, पेस्ट्री, कुकीज, चॉकलेट, सॉफ्ट ड्रिंक्स और फ्लेवर्ड चीजें, टिनडेड फूड, फ्रोजन सब्जियां और जंक फूड, व्हाइट ब्रेड।
३. शराब, मक्खन, टमाटर, लाल मिर्च, भिंडी, अरवी, उड़द की दाल, राजमा, कटहल, फूलगोभी, अमचूर , चावल, मांस, मसूर और दाल के सेवन से बचें
४. गठिया में गैस बनाने वाली, बासी, खट्टी और ठंडी चीजों से बचना चाहिए।
५. गठिया रोग में यूरिक एसिड बढ़ाने वाले आहार न खाएं।
६. गठिया होने की स्थिति में रात या शाम के समय दही, छाछ, लस्सी आदि से परहेज करें।
८. गठिया में कच्चे आम, इमली, सिरका आदि का सेवन न करें।
गठिया की बीमारी आजकल सामान्य हो गया हैं । इसका दर्द इतना तेज होता है की इंसान का चलना फिरना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। इसके दर्द से बचने के लिए ऊपर बताये गये घरेलू उपचारों का पालन करें, यह गठिया के दर्द में प्रभावी है। लोगों के आहार उनके स्वास्थ्य में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं। यदि आपको इस लेख में वर्णित किसी भी चीज से एलर्जी है, तो कृपया उसका सेवन न करे। यदि आपको कोई भी गंभीर लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर से तुरंत सलाह ले ।
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( Disclosure : इस ब्लॉग के लेखक एक प्रशिक्षित चिकित्सा पेशेवर नहीं हैं, न ही एक आहार विशेषज्ञ हैं। इस ब्लॉग की सभी जानकारी अनुसंधान और व्यक्तिगत अनुभव पर आधारित है।))
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