आज की जीवनशैली में ऑफिस से लेकर घर तक ज्यादातर लोग पूरे दिन एक कुर्सी पर बैठे रहते हैं। दिन भर कुर्सी या सोफे पर असामान्य रूप से बैठने, टहलने की आदत न होने और कम शारीरिक परिश्रम करने की वजह से हमारी गर्दन और रीढ़ की हड्डियों में अत्यधिक दर्द होने लगता है। जिसे cervical या ग्रीवा ऑस्टियोआर्थराइटिस या गर्दन की गठिया शब्द के नाम से जाना जाता है।
मुख्यतः यह 40 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगो में पाया जाता है लेकिन आजकल की जीवनशैली कि वजह से यह रोग नवजवानों में भी दिखाई देने लगा है। यह उम्र बढ़ने से संबंधित एक सामान्य स्थिति है क्योंकि यह गर्दन पर जोड़ों को प्रभावित करता है।
Cervical Spondylosis |
सर्वाइकल दर्द के कारण (Reason for Cervical)-
1. गलत स्थिति में सोने से आपको सर्वाइकल का दर्द होता है।
2. ज्यादातर लोगों के सिर पर भारी वजन उठाने से सरवाइकल का दर्द होता है।
3. गर्दन को ज्यादा देर तक घुमाए रखने से भी सर्वाइकल दर्द हो सकता है।
4. बहुत देर तक एक ही स्थिति में बैठने से सर्वाइकल का दर्द शुरू हो जाता है।
5. ऊंचे और बड़े तकिए के इस्तेमाल से सर्वाइकल का दर्द होता है।
6. भारी हेलमेट के साथ बाइक चलाना भी सर्वाइकल का कारण बन सकता है।
7. उठने, बैठने और सोने के गलत तरीकों के कारण भी सर्वाइकल हो सकता है।
सरवाइकल दर्द के लक्षण (Symptoms for Cervical)-
1.सर दर्द
2.गर्दन और पीठ में दर्द और उसमे अकडन हो जाना
3.हाथ और अंगुलियों में कमजोरी, झनझनाहट
या सुन्नता महसूस होना
4.शरीर पर संतुलन न होना
5.हाथ की उंगलियों से लेकर सर तक दर्द होना
दोस्तों, इस तथ्य के बावजूद कि चिकित्सीय कार्यालय में प्रत्येक संक्रमण के लिए सुलभ उपचार है, अक्सर ये दवाएं हमें एक प्रतिक्रिया के रूप में विभिन्न बीमारियों से परिचित कराती हैं और साथ ही, यह जेब पर भारी पड़ती हैं। हम आपको कुछ घरेलू उपचार बताने जा रहे हैं जो हमारे बुजुर्ग स्वस्थ रहने के लिए करते थे।
दोस्तों, इस तथ्य के बावजूद कि चिकित्सीय कार्यालय में प्रत्येक संक्रमण के लिए सुलभ उपचार है, अक्सर ये दवाएं हमें एक प्रतिक्रिया के रूप में विभिन्न बीमारियों से परिचित कराती हैं और साथ ही, यह जेब पर भारी पड़ती हैं। हम आपको कुछ घरेलू उपचार बताने जा रहे हैं जो हमारे बुजुर्ग स्वस्थ रहने के लिए करते थे।
सरवाइकल के दर्द के घरेलू उपचार (Home remedies for Cervical):
1. सही ढंग से सोएं ( Sleep in correct posture)- अक्सर हम नरम उच्च गद्दे और तकिए पर सोना पसंद करते हैं। लेकिन यह cervical के दर्द का कारण हो सकता है, इसलिए हमेशा एक सख्त गद्दे का उपयोग करें। यदि आप एक उच्च तकिया लगाना पसंद नहीं करते तो यह बेहतर है। अपने सिर को जमीन पर रखें और सोने की आदत डालें या 15 डिग्री तक जितनी ऊँची तकिया का उपयोग करें। पेट के बल न सोने की कोशिश करें। अपनी पीठ या बाजू पर सोएं। इससे आपको दर्द में आराम मिलेगा।
1. सही ढंग से सोएं ( Sleep in correct posture)- अक्सर हम नरम उच्च गद्दे और तकिए पर सोना पसंद करते हैं। लेकिन यह cervical के दर्द का कारण हो सकता है, इसलिए हमेशा एक सख्त गद्दे का उपयोग करें। यदि आप एक उच्च तकिया लगाना पसंद नहीं करते तो यह बेहतर है। अपने सिर को जमीन पर रखें और सोने की आदत डालें या 15 डिग्री तक जितनी ऊँची तकिया का उपयोग करें। पेट के बल न सोने की कोशिश करें। अपनी पीठ या बाजू पर सोएं। इससे आपको दर्द में आराम मिलेगा।
Correct Sleeping posture |
2. सिकाई (Foment): दर्द से तुरंत राहत पाने का सबसे अच्छा तरीका प्रभावित क्षेत्र की सिकाई करना है।
गर्दन में दर्द के कारण कई बार सूजन भी हो जाती है। एक लीटर पानी में आधा चम्मच नमक डालकर गरम कर ले, जब गरम हो जाए तो इस पानी में एक तौलिया भिगो दें और प्रभावित हिस्से पर की सिकाई करे। यह गर्दन के दर्द, जलन और सूजन से राहत पाने में मदद करेगा।
3. खूब पानी पिएं ( Stay Hydrated)- पानी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारी रीढ़ की हड्डी में जो डिस्क और जोड़ होते हैं, उनमें से अधिकांश पानी से बने होते हैं और ऐसी स्थिति में शरीर में पानी की कमी के कारण उनकी कार्यक्षमता कम हो जाती है, इसलिए जितना संभव हो उतना पानी पीएं।
4. Exercise करने से- cevical के दर्द से हम खुद को कमजोर महसूस कर सकते है, excecise करके हम उस दर्द में राहत पा सकते है। स्ट्रेच एक्सरसाइज से शरीर और गर्दन की मांसपेशियां खुलती हैं, इससे सर्वाइकल के दर्द को कम करने में मदद मिलती है
5. हल्दी (Turmeric): हल्दी में कई औषधीय तत्व होते हैं। यह एक प्राकृतिक दर्द निवारक है और सूजन को भी कम करता है। हल्दी रक्त संचार को तेज करती है, इसलिए इसके उपयोग से दर्द में राहत मिलती है और यह गर्दन की अकड़न को भी कम करता है। अगर आपको सर्वाइकल का दर्द है, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी डालकर उबालें। इसके बाद इसे ठंडा करके इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं। इसे दिन में दो बार पीने से गर्दन के दर्द के साथ-साथ शारीर के किसी भी अंग के दर्द में राहत मिलती है।
6. तिल (Seesame Seeds): तिल बहुत पौष्टिक होता है। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, तांबा, जस्ता, फास्फोरस, विटामिन डी और विटामिन K होता है, इसलिए तिल हड्डियों के साथ-साथ पूरे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। सर्वाइकल के दर्द से छुटकारा पाने के लिए गुनगुने तिल का तेल लें और इससे दिन में दो बार मालिश करें। तिल का सेवन करने से भी इस दर्द में राहत मिलती है। आप भुने हुए तिल को गुड़ की चाशनी में मिलाकर भी खा सकते हैं और लड्डू बना सकते हैं। इसके अलावा आप भुने हुए तिल को गर्म दूध में मिलाकर भी रोजाना पी सकते हैं।
7. लहसुन (Garlic): लहसुन के औषधीय गुणों के कारण यह दर्द, सूजन और जलन को कम करता है। सर्वाइकल पेन में लहसुन के इस्तेमाल से भी राहत पाई जा सकती है। इसके लिए सरसों, तिल या अरंडी के तेल में लहसुन की तीन से चार कलियां काटें और फ्राई करें। भूनने के बाद, हम लहसुन को इस तेल में से निकाल कर खा सकते हैं। लहसुन के साथ पके हुए इस तेल से दर्द वाले स्थान पर मालिश करने से दर्द में राहत मिलती है। इसके अलावा अगर हम सुबह खाली पेट लहसुन की दो कलियां गुनगुने पानी के साथ खाते हैं, तो इससे सर्वाइकल के दर्द से राहत मिलेगी, पेट भी साफ रहेगा और मोटापा तेजी से घटेगा।
आवश्यक आदतें: दोस्तों, सर्वाइकल पेन के कारणों, लक्षणों और उपचार को जानने के साथ-साथ हमें कुछ आदतों को छोड़ना होगा जैसे:
1. भारी वस्तुओं को उठाने की आदत छोड़ दें।
2. वज्रासन, चक्रासन, और मत्स्यासन के अलावा, गर्दन को गोलगोल घुमाये।
Vajrasan exercise |
Chakrasan Exercise |
Matasyasana Exercise |
3. हर
दिन सूर्योदय से पहले कम से कम 3 किमी तक पैदल चलें।
4. ऑफिस
में बहुत देर तक एक ही पोजिशन में न बैठें, थोड़ी थोड़ी देर में ब्रेक ले।
5. अगर आप एक घरेलू महिला हैं तो लम्बे समय के लिए न लेते घर के कामों के बीच
थोड़ा ब्रेक लेकर आराम करें।
6. फर्श पर बैठकर पोंछा लगाएं, इससे आपको काफी आराम मिलेगा।
ये उपचार और आदतें सर्वाइकल के दर्द में सहायक होंगी, लेकिन यदि आप नियमित रूप से इन सभी चीजों को अंतराल के साथ अपनाते हैं, तो यह शुरुआती परेशानी के लिए बहुत लाभकारी है। अगर आपका दर्द और तकलीफ बढ़ जाती है तो कृपया चिकित्सक से सलाह लें।
(प्रकटीकरण:
इस ब्लॉग के लेखक एक प्रशिक्षित चिकित्सा पेशेवर नहीं हैं, न ही एक आहार
विशेषज्ञ। इस ब्लॉग की सभी जानकारी अनुसंधान और व्यक्तिगत अनुभव पर आधारित है।)
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